विदेशी छात्रों के लिए ऑनलाइन राम लीला क्लास
संस्थान के निदेशक प्रफेसर वाई.पी.सिंह ने बताया कि इस परियोजना का विचार लॉकडाउन के दौरान रखा गया। दरअसल लॉकडाउन देश के अंदर वह अवधि थी जब ऑनलाइन क्लासों के कॉन्सेप्ट को प्राथमिकता मिली।
उन्होंने बताया, ‘दो क्लासें अब तक हो चुकी हैं। हम भारत में रात के समय क्लास का आयोजन करते हैं ताकि पश्चिमी देशों के छात्र सुबह के समय इसे अटेंड कर सकें। हम राम लीला को विदेश ले गए हैं और हमारे पास विदेश में ऐसे लोगों का नेटवर्क है जो या तो राम लीला में खुद किरदार निभाते हैं या फिर राम लीला का आयोजन करते हैं। जब हमने इस आइडिया पर उनसे चर्चा की तो उनका रिस्पॉन्स सकारात्मक था।’
उन्होंने कहा कि कोशिश है कि कम से कम ऐसे पांच समूहों को दिवाली के दौरान दीपोत्सव में प्रदर्शन के लिए बुलाने की कोशिश की जाएगी।
ऑनलाइन क्लास में छात्रों को मेकअप और वॉइस मॉड्युलेशन के बारे में बताया जाता है। वे सीखते हैं कि कैसे सीता का पहनावा शूपर्णखा से अलग होता है और कैसे रावण की हंसी राम से अलग होती है।
ये छात्र गहराई से इस बात को भी समझ रहे हैं कि उत्तरी भारत में राम लीला के मंचन में कितनी मेहनत करनी पड़ती है।
उन्होंने बताया कि क्लासों का आयोजन गोरखपुर के थिएटर कलाकार मानवेंद्र त्रिपाठी करते हैं जो खुद राम का किरदार निभाते हैं।
मेकअप, डायलॉग डिलिवरी, सजावट, परिधान, मंच की सजावट आदि पर क्लासों के लाइव सेशन का आयोजन होता है। जो छात्र मास्टर आर्टिस्ट सर्टिफिकेट कोर्स करेंगे उनको विभिन्न प्लैटफॉर्मों पर प्रदर्शन का मौका भी मिलेगा।
इस ऑनलाइन कोर्स के लिए आर्थिक सहायता संस्कृति मंत्रालय की ओर से मुहैया कराई जाती है। जल्द ही आने वाले दिनों में ऑस्ट्रेलिया और न्यू जीलैंड में भी लाइव क्लासों का आयोजन होगा।