यह टैग "मुख्य न्यायाधीश" से जुड़े हर तरह के लेख, खबर और विश्लेषण देता है। आप यहाँ पर नवीन नियुक्तियाँ, प्रमुख निर्णय, बेंच गठन और न्यायपालिका से जुड़े विवादों के बारे में सरल भाषा में पढ़ पाएँगे। अगर आप छात्र, शिक्षक, वकील या सामान्य पाठक हैं और कोर्ट के बड़े फ़ैसलों का असर समझना चाहते हैं, तो यह पेज आपके लिए उपयोगी है।
हमारी कवरेज में केवल हेडलाइन नहीं होती — हम बताते हैं कि किसी फ़ैसले का रोज़मर्रा जिंदगी, स्कूल- कॉलेज नीतियों या सरकारी योजनाओं पर क्या असर होगा। साथ ही यह भी बताते हैं कि किस तरह के आदेश संस्थागत बदलाव ला सकते हैं और किस मामले में सावधानी बरतनी चाहिए।
मुख्य न्यायाधीश (CJI) सर्वोच्च न्यायालय के पहले न्यायधीश होते हैं और कोर्ट के प्रशासनिक प्रमुख भी माने जाते हैं। उनका काम सिर्फ़ केस सुनना नहीं है — वे बेंच तय करते हैं, अनुरोधों पर दिशा-निर्देश बनाते हैं और नए कानूनों पर संवैधानिक समीक्षा भी कराते हैं। कभी-कभी वे संवैधानिक बेंच बनाकर महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार के लिए आदेश देते हैं।
वह उच्चतम न्यायालय और निचली अदालतों के बीच समन्वय, जजों की नियुक्ति-सुची और प्रशासनिक फैसलों में अहम भूमिका निभाते हैं। इसलिए किसी भी बड़ी खबर में CJI की टिप्पणी या फ़ैसले का संदर्भ अक्सर अहमियत रखता है।
पहले हेडलाइन और तारीख देखिए — क्या खबर नई है या पुरानी? उसके बाद लेख में दिए गए मुख्य बिंदु (कौन, क्या, कब, क्यों) पर ध्यान दीजिए। अगर किसी फ़ैसले का कानूनी असर समझना है तो उल्लेखित अहम आदेश या बेंच नंबर को नोट करें। हम अक्सर सुझाते हैं कि मूल आदेश (यदि उपलब्ध हो) को पढ़ें, क्योंकि न्यूज़ सार में कई तकनीकी बातें छूट सकती हैं।
अगर आप छात्र हैं और परीक्षा या प्रोजेक्ट के लिये जानकारी चाहिए, तो हमारे विश्लेषण वाले लेख पढ़ें — हम आसान भाषा में केस का पृष्ठभूमि, कानूनी तर्क और परिणाम बताते हैं। वकीलों और अनुशासनिक पाठकों के लिए हम कोर्ट के निर्देश और आदेशों के व्यावहारिक असर भी रेखांकित करते हैं।
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सुप्रीम कोर्ट ने आरटीआई के तहत मुख्य न्यायाधीश का कार्यालय खोलने का फैसला लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने यह सुझाव दिया कि कोई भी राज्य न्यायालय अपने आवश्यक हित के लिए एक अलग न्यायाधीश का कार्यालय खोल सकता है।