क्या आप जानते हैं कि हाल ही में भारत में GST (वस्तु एवं सेवा कर) में कट हुआ है? कई लोग इस कट को लेकर उत्साहित हैं, क्योंकि यह सीधे हमारे रोज़मर्रा के खर्चों को प्रभावित करता है। लेकिन यह सिर्फ टैरिफ़ में कमी नहीं, बल्कि कई स्तरों पर बदलाव लाता है। इस लेख में हम सहज भाषा में समझेंगे कि GST कट का मतलब क्या है, यह किन चीज़ों को प्रभावित करता है और व्यापारियों के लिए इसका क्या मतलब हो सकता है।
सरकार ने आर्थिक मंदी और महंगाई को कम करने के लिए कुछ प्रमुख श्रेणियों में GST दरें घटाई हैं। उदाहरण के लिए, मोबाइल फ़ोन, एयर कंडीशनर और कुछ हाई‑टेक गैजेट्स की दर अब 12% से घटकर 9% हो गई है। इसी प्रकार, कुछ मूलभूत वस्तुओं जैसे दाल‑चावल पर 5% की दर को 0% कर दिया गया है। यह कदम मुख्य रूप से आम लोग के ख़र्चे घटाने और खरीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए उठाया गया है।
उपभोक्ता सीधे तौर पर कीमतों में गिरावट देखेंगे। अगर एक फोन की कीमत पहले 20,000 रुपये थी, तो नई दर के साथ वह लगभग 18,200 रुपये में आ सकता है। यह छोटा फर्क भी किराने की दुकान से लेकर बड़े मॉल तक महसूस किया जाएगा।
व्यापारियों को भी नई दरों के साथ अपने प्राइसिंग स्ट्रैटेजी बदलनी पड़ेगी। इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) को सही तरीके से क्लेम करने के लिए रजिस्ट्रेशन और बही खातों को अपडेट करना ज़रूरी है। कई छोटे व्यवसायी अभी भी नई दरों को लेकर अनिश्चित हैं; इसलिए सही अकाउंटिंग सॉफ़्टवेयर या टैक्स कंसल्टेंट की मदद लेना बेहतर रहेगा।
GST कट का एक और बड़ा फ़ायदा यह है कि यह नक़दी प्रवाह को सुधारता है। जब कर दरें घटती हैं, तो टैक्स देनदारियों में कमी आती है, जिससे व्यवसाय का वर्किंग कैपिटल बचता है। यह खासकर उन उद्योगों के लिए महत्वपूर्ण है जो बड़े पैमाने पर इनपुट सामग्री खरीदते हैं।
हालांकि, कुछ सेक्टर में कट के बाद नई चुनौतियां भी सामने आ सकती हैं। उदाहरण के लिए, लक्ज़री गुड्स में कट न होने से उनके मूल्य में अपेक्षाकृत अधिक बढ़ोतरी दिख सकती है। इसलिए हर उद्योग को अपनी प्राइसिंग नीति को पुनः देखना होगा।
अधिकतर विशेषज्ञ मानते हैं कि GST कट एक ट्रायल फेज़ के रूप में शुरू किया गया है। अगर यह आर्थिक संकेतकों पर सकारात्मक असर दिखाता है, तो सरकार और भी क्षेत्रों में कट की संभावना रखती है। दूसरी ओर, यदि कट से राजस्व में गिरावट आती है, तो संभव है कि दरें फिर से समायोजित की जाएँ। इसलिए, हमें नज़र बनाकर रखना चाहिए कि बजट घोषणाएं और वित्तीय रिपोर्ट क्या कहती हैं।
समझदारी से काम लें: अगर आप खुदरा व्यवसाय चलाते हैं, तो नई दरों को लेकर अपने सप्लायर्स से रेट पुनः बातचीत करें। यदि आप उपभोक्ता हैं, तो सेल और ऑफ़र का फायदा उठाकर वह सामान खरीदें जो पहले महंगे थे। इस तरह दोनों पक्षों को GST कट से लाभ मिल सकता है।
GST कट के बारे में नवीनतम जानकारी के लिए हमारे साइट पर नियमित अपडेट पढ़ते रहें। जल्द ही हम नई दरों के विस्तृत तालिका, आसान टैक्स कैलकुलेटर और विशेषज्ञों के इंटरव्यू भी पेश करेंगे। अब जब आप इस बदलाव को समझते हैं, तो अपने खर्च और व्यापार दोनों को स्मार्ट तरीके से मैनेज कर सकते हैं।
9 सितंबर 2025 को लागू हुए GST 2.0 सुधार के बाद अमूल और मदर डैरी ने 700 से अधिक उत्पादों की कीमतें घटा दी हैं। यूएचटी दूध, चपाती जैसी वस्तुएँ अब कर‑मुक्त, जबकि घी, पनीर को 5% कर दर पर ले जाया गया। कीमत घटाव से किसानों के हाथों में आय बढ़ेगी और ग्राहकों को सस्ता दूध मिलेगा।