आरटीआई: सरकारी जानकारी पाने का आसान तरीका

क्या आप सरकारी स्कूल की फंडिंग, भर्ती सूची या मंत्रालय के फैसले के बारे में जानकारी चाहते हैं? आरटीआई (सूचना का अधिकार) Act 2005 आपके लिए सबसे तेज़ और कानूनी रास्ता है। किसी भी भारतीय नागरिक को सरकारी विभागों से लिखित जानकारी माँगने का अधिकार है और इसके लिए कारण बताने की ज़रूरत नहीं होती।

आरटीआई कैसे भरें — सरल स्टेप

आरटीआई आवेदन आमतौर पर सरल होता है। कुछ जरूरी बातें:

1) किससे माँग रहे हैं: जिस विभाग या संस्था से जानकारी चाहिए, उसके PIO (Public Information Officer) का नाम या पता लिखें।

2) स्पष्ट मांग: एक-एक पॉइंट में क्या चाहिए, तारीखें और दस्तावेज़ों का विवरण दें। जितना स्पष्ट लिखेंगे, उतनी जल्दी और सटीक सूचना मिलेगी।

3) फीस: सामान्यतः आवेदन शुल्क लगभग ₹10 होता है; पर कुछ विभाग ऑनलाइन पोर्टल पर अलग भुगतान स्वीकार करते हैं।

4) पहचान और हस्ताक्षर: अक्सर कारण माँगने की ज़रूरत नहीं होती, पर कुछ मामलों में पहचान प्रमाण माँगा जा सकता है। हस्ताक्षर और तारीख लगाना न भूलें।

नमूना लाइन: "सेवा में, सूचना अधिकारी, [विभाग का नाम] — विषय: [जानकारी का संक्षिप्त विवरण] — कृपया मुझे नीचे दिए गए बिंदुओं के अनुसार सूचनाएँ उपलब्ध कराएँ: 1)..."

कहां मदद मिलेगी और क्या ध्यान रखें

समय सीमा: अधिकांश मामलों में सूचना देने की समय-सीमा 30 दिन होती है। यदि जीवन या स्वतंत्रता से जुड़ी बात हो तो 48 घंटे में सूचना देना जरूरी है।

अपील: यदि जवाब नहीं आया या संतोषजनक नहीं मिला तो पहले अपील अधिकारी (First Appellate Authority) के पास अपील करें। फिर भी समाधान न हो तो राज्य या केंद्रीय सूचना आयोग में दूसरी अपील कर सकते हैं।

क्या नहीं माँगा जा सकता: राष्ट्रीय सुरक्षा, गोपनीय सरकारी रयानियों, तृतीय पक्ष की व्यक्तिगत गोपनीयता जैसी कुछ चीज़ें आरटीआई के दायरे से बाहर हैं।

शिक्षा क्षेत्र में उपयोग: स्कूल के बजट का उपयोग, शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया, परीक्षा परिणामों के रिकॉर्ड, छात्रवृत्ति सूची — ये सब आरटीआई से माँगे जा सकते हैं। कई माता-पिता और सोशल वर्कर्स यही तरीका इस्तेमाल करते हैं जब स्थानीय प्रशासन जवाब नहीं देता।

प्रैक्टिकल टिप्स: एक-दम सटीक सवाल लिखें, किसी भी संदिग्ध जानकारी के लिए दस्तावेज़ का संदर्भ दें (जैसे वर्ष, विभाग, रिपोर्ट का नाम), और आवेदन की एक कॉपी संभाल कर रखें। ऑनलाइन पोर्टल पर आवेदन करने पर रसीद का स्क्रीनशॉट रखें।

अक्सर लोग आरटीआई कठिन समझते हैं, लेकिन थोड़ी तैयारी से यह बहुत असरदार है। अगर आपको पहली बार आवेदन में दिक्कत हो तो किसी एनजीओ या अनुभवी व्यक्ति से मदद लें। आरटीआई का सही इस्तेमाल करने से पारदर्शिता बढ़ती है और सार्वजनिक कामकाज पर निगरानी संभव होती है।

अब आप तैयार हैं: अपना सवाल लिखें, सही विभाग चुनें और आरटीआई भेज दें। जवाब मिलने पर ध्यान दें कि किसी जानकारी में छूट या ग़लती हो तो अपील का विकल्प हमेशा मौजूद है।

सुप्रीम कोर्ट ने खुद को खोल दिया: आरटीआई के तहत मुख्य न्यायाधीश का कार्यालय?

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सुप्रीम कोर्ट ने आरटीआई के तहत मुख्य न्यायाधीश का कार्यालय खोलने का फैसला लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने यह सुझाव दिया कि कोई भी राज्य न्यायालय अपने आवश्यक हित के लिए एक अलग न्यायाधीश का कार्यालय खोल सकता है।

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