डॉक्टर ने जोखिम लेकर बचाई सैनिक की जान : झाँसी
धरती पर डॉक्टर को भगवान का रूप कहा जाता है लेकिन डॉक्टर भी एक इंसान होता है गलती उससे भी हो सकती है इसी तरह का एक मामला झांसी में सामने आया जहां एक डेंटल डॉक्टर द्वारा मरीज को एनेस्थीसिया देते समय सिरिंज का अगला भाग टूट कर उसकी सुई मरीज के सांस की नली में फंस जाती है।
मरीज लल्लन आइ.टी.बी.पी करेरा मध्य प्रदेश में कार्यरत है, सांस की नली में सुई फंसने के कारण सांस लेने में तकलीफ हो रही थी परेशान परिजन प्राइवेट हॉस्पिटल के चक्कर काट रहे थे सभी डॉक्टरों ने दिल्ली के लिए रेफर कर दिया था तभी किसी के कहने पर मरीज के परिजन 37 वर्षीय लल्लन को लेकर रानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज झाँसी के ई.एन.टी डिपार्टमेंट हेड डॉ जितेंद्र यादव से मिलते हैं डॉक्टर साहब ने गंभीरता को समझते हुए अपनी ड्यूटी से छुट्टी लेकर कोरोना संक्रमण की चिंता ना करते हुए एंडोस्कोपी तकनीक के माध्यम से मरीज के गले में फांसी सिरिंज नीडल को बाहर निकाला ऑपरेशन जटिल था और तकनीक से ज्यादा बुद्धिमानी की आवश्यकता थी गणितीय देर होती तो मरीज की जान भी जा सकती थी।
सफल ऑपरेशन के बाद परिजनों ने डॉक्टर को भगवान स्वरूप मानकर धन्यवाद किया इस तरह एक शिक्षक एवं बुद्धिमान डॉक्टर ने देश के एक जवान की जीवन की रक्षा की, सामाजिक संस्था न्यू इंडिया फाउंडेशन एक पहल झांसी ने भी डॉक्टर जितेंद्र यादव के माननीय व्यवहार एवं सफल ऑपरेशन की सराहना करते हुए सम्मान पत्र प्रदान किया।
झाँसी से सामाजिक पत्रकार गुड्डू बाजपाई की रिपोर्ट।
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